
राजस्थान में भारी बरसात का दौर फिर से शुरु हो गया है, कोटा, सवाई माधोपुर, बारां, भीलवाड़ा सहित कई जिलों हालात बिगड़ रहे है, बीच मौसम विभाग ने शनिवार को भी राज्य के 11 जिलों में तेज बरसात की चेतावनी जारी की है, आज के दिन भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिले में खास तौर पर ज्यादा बरसात की संभावना जताई गई है।
क्यों हुई इतनी तेज बरसात?
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, पिछले दो हफ्तों से मानसून कमजोर स्थिति में था, लेकिन मानसून ट्रफ के सामान्य पोजीशन में आने और मध्यप्रदेश-राजस्थान की सीमा पर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के स्थिर हो जाने से अचानक भारी बरसात का दौर शुरु हो गया है।
सड़कों पर भरा 4 फीट तक पानी
कोटा में भी हालात बेहद खराब रहे है, कई कॉलोनियां और बाजार पानी में डूब गए, सुल्तानपुर कस्बे में सड़कों पर चार -चार फीट तक पानी भर गया, पुलिस की गाड़ी भी पानी में फंस गई, जिसे ट्रैक्टर से बाहर निकाला गया, शुक्रवार 22 अगस्त 2025 को सुबह कोटा बैराज के तीन गेट खोलने पड़े।
सवाई माधोपुर और कोटा सबसे ज्यादा प्रभावित
सवाई माधोपुर में सूरवाल बांध के पास नाव पलटने से आस -पास हड़कंप मच गया, नाव में 10 लोग सवार थे, जिनमें से 3 को सुरक्षित निकाल लिया गया, लगातार बारिश से नेशनल हाईवे-552 की पुलिया बह गई, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। पुराने शहर में घरों में पानी घुस गया और रेलवे स्टेशन की पटरियां डूब गईं, जिससे पांच ट्रेनें प्रभावित हुई है।
स्कूल बंद और जनजीवन प्रभावित
भारी बरसात के चलते चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर और भीलवाड़ा में शनिवार को स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है, बांसवाड़ा में माही बांध के गेट खोलने के बाद बेणेश्वर धाम टापू में बदल गया है।