
केंद्र की मोदी सरकार ने राशन कार्ड धारकों को लेकर बड़ा फैसला लिया है, सरकार ऐसे कार्ड धारकों की लिस्ट तैयार कर रही है, जो मुफ्त राशन योजना के लिए पात्र नहीं है, सरकार मानें तो वे ऐसे लोग है, जिनकी आय ज्यादा है, और वो टैक्स भरते है, या फिर उनके घरों में लोग चार पहिया वाहनों के मालिक है।
यह भी देखें: Chevening-UP Scholarship Scheme: यूपी सरकार छात्रों को देगी ₹48 लाख तक की मदद, जानें कैसे मिलेगा लाभ
खाद्य और सार्वजानिक वितरण विभाग ने यह सूची विभिन्न सरकारी डेटा बेस के साथ राशन कार्ड धारकों के विवरण का मिलान करके तैयार की है, इसमें आयकर विभाग कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जैसे विभागों के डेटा शामिल है, इस क्रॉस -सत्यापन में पाया गया, की 94.71 लाख राशन कार्ड धारक आयकर दाता है, 17.51 लाख के पास चार पहिया, वाहन है, और 5.31 लाख लोग कंपनियों में निदेशक है।
अपात्र लाभार्थियों को हटाने की कोशिश
एक अधिकारी ने बताया कि इस डेटा के आधार पर राज्यों को अपात्र लाभार्थियों को हटाने में मदद मिलेगी, ताकि प्रतीक्षा सूची में मौजूद जरूरतमंद लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभ मिल सके, NFSA डैशबोर्ड के अनुसार, 19 अगस्त तक 19.17 करोड़ राशन कार्ड जारी किए गए हैं, जिनके तहत 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 76.10 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं, नियमों के अनुसार सरकारी कर्मचारी, 1 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले परिवार, चार-पहिया वाहन मालिक और करदाता मुफ्त अनाज के लिए पात्र नहीं हैं. केंद्र ने आठ जुलाई को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के सलाहकारों को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर जोर दिया।
यह भी देखें: Driving Licence-Aadhaar Link: डीएल को आधार से लिंक करने में दिक्कत? ऐसे करें समाधान
डुप्लिकेट राशन कार्डों की पहचान करना राज्यों की जिम्मेदारी
खाद्य एवं सार्वजानिक वितरण विभाग के एक अधिकारी ने कहा की केंद्र ने अयोग्य लाभार्थियों की पहचान करने और उन्हें हटाने के लिए यह डेटा उपलब्ध करा कर राज्यों की मदद की गई है, ताकि प्रतीक्षा सूची में शामिल वास्तविक लोग योजना का लाभ उठा सके उन्होंने कहा की राशन कार्डों /लाभार्थियों की सूची की समीक्षा, अपात्र /डुप्लिकेट राशन कार्डों की पहचान और पात्र लाभार्थियों/ परिवारों को शामिल करना राज्यों की जिम्मेदारी है।
केंद्र ने पहले भी 2021-2023 के दौरान 1.34 करोड़ फर्जी या अपात्र राशन कार्ड रद्द किए थे, NFSA के तहत 81.35 करोड़ लोगों को कवर करने की सीमा है, जिसमें शहरी क्षेत्रों में 50 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 75 फीसदी आबादी शामिल है, एनडीए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है।