
वर्ष 2025 में जन्माष्टमी 2025 को लेकर इस बार बड़ा कन्फ्यूजन देखने को मिल रहा है। साथ ही अलग-अलग पंचागों में इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि 15 अगस्त और 16 अगस्त बताई जा रही है, जिससे लोगों में असमंजस की स्थिति फैली हुई है। इसके अलावा दृक पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी 15 अगस्त को है , मिथिला पंचाग के मुताबिक 17 अगस्त को और अन्य कई पंचांग 16 अगस्त को मान हैं,ऐसे में अब सही तिथि का निर्धारण शास्त्रीय आधार पर करना जरूरी हो जाता है।
जन्माष्टमी की तिथि निर्धारण का शास्त्रीय आधार
शिव पुराण, विष्णु पुराण और ब्रह्म पुराण सहित विभिन्न ग्रंथों के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को रखा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि के चंद्रमा के संयोग में आधी रात को हुआ था।
शास्त्रों में तिथि निर्धारण के लिए शुद्धा और विद्धा का भेद बताया गया है। शुद्धा का अर्थ है उदय तिथि से लेकर अगले दिन उदय होने तक की अवधि, जबकि विद्धा का संबंध सप्तमी या नवमी तिथि के योग से है। सिद्धांत के अनुसार, वह तिथि मान्य मानी जाती है जिसमें अर्धरात्रि का समय आता है। यदि यह योग दो दिन हो या दोनों दिन ही न हो, तो सप्तमी के विद्धा का त्याग कर नवमी के विद्धा को ग्रहण किया जाता है।
2025 में अष्टमी तिथि का समय
इस साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को रात 11:49 बजे होगी और यह 16 अगस्त की रात 9:34 बजे समाप्त होगी। इस आधार पर 16 अगस्त की सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि रहेगी, जो शुद्धा तिथि मानी जाती है।
रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि के चंद्रमा का संयोग
2025 में रोहिणी नक्षत्र का संयोग अष्टमी तिथि के साथ नहीं हो रहा है। रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त को सुबह 4:38 बजे से शुरू होकर 18 अगस्त को सुबह 3:17 बजे तक रहेगा। हालांकि, 16 अगस्त को वृषभ राशि में चंद्रमा 11:43 बजे से रहेगा। इस तरह 16 अगस्त को अष्टमी तिथि और वृषभ राशि के चंद्रमा का संयोग मिल रहा है, जबकि 15 अगस्त को केवल अष्टमी तिथि और 17 अगस्त को केवल रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
जन्माष्टमी 2025 की सही तिथि
इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन अष्टमी की उदय तिथि के साथ वृषभ राशि में चंद्रमा का योग रहेगा, जो शास्त्रीय दृष्टि से अधिक मान्य माना जाता है।
जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था। इस वर्ष 16 अगस्त को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त रात 12:04 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा। भक्त इसी अवधि में जन्मोत्सव का आयोजन कर सकते हैं।
व्रत पारण का समय
व्रत पारण का समय परंपरा पर निर्भर करता है। जो भक्त बाल गोपाल के जन्मोत्सव के तुरंत बाद पारण करते हैं, वे 17 अगस्त को रात 12:47 बजे के बाद व्रत खोल सकते हैं। जो भक्त सूर्योदय के बाद पारण करते हैं, वे 17 अगस्त को सुबह 5:51 बजे के बाद व्रत खोल सकते हैं।