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EPFO का बड़ा तोहफ़ा: केंद्रीय कर्मचारियों को डेथ रिलीफ फंड में अब ₹15 लाख तक की सहायता

अगर आप नौकरी करते है, तो यह जाहिर है, की नियमों के तहत आपका पीएफ भी कटता होगा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO द्वारा नौकरी करने वाले लोगों के PF खाते खोले जाते है, फिर इस PF खाते में कर्मचारी की सैलरी में से हर महीने एक निश्चित राशि काटकर जमा किया जाता है

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EPFO का बड़ा तोहफ़ा: केंद्रीय कर्मचारियों को डेथ रिलीफ फंड में अब ₹15 लाख तक की सहायता
EPFO का बड़ा तोहफ़ा: केंद्रीय कर्मचारियों को डेथ रिलीफ फंड में अब ₹15 लाख तक की सहायता

अगर आप नौकरी करते है, तो यह जाहिर है, की नियमों के तहत आपका पीएफ भी कटता होगा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO द्वारा नौकरी करने वाले लोगों के PF खाते खोले जाते है, फिर इस PF खाते में कर्मचारी की सैलरी में से हर महीने एक निश्चित राशि काटकर जमा किया जाता है।

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने सेंट्रल बोर्ड कर्मचारियों के परिवारों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है, संगठन ने डेथ रिलीफ फंड के तहत दी जाने वाली एक्स -ग्रेशिया मनी को बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है, यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 के बाद के सभी केस पर लागू होगी, पहले यह राशि 8.8 लाख रुपए थी, EPFO ने कहा कि यह कदम उठाने का मकसद कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा देना है, यह राशि कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके नामांकित व्यक्ति या कानूनी वारिस को दी जाएगी।

क्या है डेथ रिलीफ फंड और किसे मिलता है इसका लाभ?

डेथ रिलीफ फंड EPFO का एक स्पेशल फंड है, जो सेंट्रल बोर्ड कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता देता है, यह सुविधा उन कर्मचारियों के लिए है, जिनकी नौकरी के दौरान ही मृत्यु हो जाती है, इस फंड से मिलने वाली राशि स्टाफ वेलफेयर फंड से दी जाती है, यह लाभ केवल EPFO के सेंट्रल बोर्ड कर्मचारियों के लिए है, न की सामान्य PF खाता धारकों के लिए  यानी, निजी या सरकारी कंपनियों के कर्मचारी जो EPFO में पंजीकृत हैं, वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकते, यह राशि कर्मचारी के नामांकित व्यक्ति या कानूनी वारिस को दी जाती है, ताकि परिवार को मुश्किल समय में आर्थिक सहारा मिल सके।

हर साल 5% बढ़ेगी राशि

EPFO ने यह भी ऐलान किया है, की 15 लाख रुपए की यह राशि हर साल 5 प्रतिशत की दर से बढ़ाई जाएगी, यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगी, मान लीजिए 2026 में यह राशि 15.75 लाख रुपये हो जाएगी, इस कदम का उद्देश्य बढ़ती महंगाई और आर्थिक जरुरतों को ध्यान में रखना है, EPFO का कहना है कि यह फैसला कर्मचारियों के परिवारों को लंबे समय तक आर्थिक मदद करेगा, यह निर्णय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने लिया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ नियोक्ताओं और कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल है।

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डेथ क्लेम करना अब आसान

EPFO ने क्लेम से जुड़ी प्रक्रिया को भी आसान कर दिया है, अगर पैसा नाबालिग बच्चों के खाते में जाना है, तो अब गार्जियनशिप सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं होगी, इसका मतलब है कि परिवार को क्लेम सेटलमेंट में पहले जैसी मुश्किलें नहीं झेलनी पड़ेंगी।

EPFO ने किए हैं कई और बदलाव

इस बड़े कदम के साथ-साथ EPFO ने 2025 में कई अन्य सुधार भी किए हैं, संगठन ने मृत्यु दावों की प्रक्रिया को आसान बनाया है, अब नाबालिग बच्चों के बैंक खाते में राशि जमा करने के लिए गार्जियनशिप सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं होगी, इसके अलावा, आधार और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को जोड़ने या आधार में सुधार की प्रक्रिया को भी सरल किया गया है, EPFO के इन बदलावों का मकसद कर्मचारियों और उनके परिवारों को तेज और आसान सेवाएं देना है।

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Author
Rohit Kumar

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