
आज तक आयुष्मान कार्ड की सहायता से मरीज अपना इलाज मुफ्त में करा सकते थे लेकिन अब सरकार ने इसके लिए नियमों में कुछ बदलाव किया है जिसके तहत अब इलाज कराना मुश्किल हो सकता है। आयुष्मान डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत अब सभी मरीजों का डेटा डिजिटल तैयार किया जाएगा जो जिला अस्पताल में इलाज कराने आते हैं। अब प्रत्येक मरीज की आभा आईडी बनाई जाएगी जिसकी सहायता से पूरी जानकारी डिजिटल सेव की जाएगी। अब अगर आप आभा आईडी नहीं बनाते हैं तो इलाज नहीं करवा पाएंगे। आइए जानते हैं आभा आईडी बनाने के लिए क्या करना पड़ेगा।
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स्वास्थ्य रिकॉर्ड होगा पूरी तरह डिजिटल
आभा आईडी कार्ड बनाना बहुत ही आसान है आप अस्पताल में जाकर इसे बना सकते हैं। जिला अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर आभा ऐसी बना सकते हैं। जिले में लगभग 58 लाख आबादी की आईडी बनाई जाएगी। बता दें पहले सरकारी स्वास्थ्य केंद्र अथवा ओपीडी के मरीजों की आईडी तैयार की जाएगी।
इस आईडी में मरीज का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रहता है । यदि आप इलाज के लिए हॉस्पिटल जाते हैं तो इसे रिकॉर्ड चेक करके आपका सही से टेस्ट, इलाज हो सकता है। आईडी बनाने के लिए आपके पास आधार कार्ड और एक मोबाइल नंबर होना जरुरी है
आसानी से होगा इलाज
आभा आईडी में आपके इलाज का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल दर्ज रहता है आप इसे अपने मोबाइल में चालु कर सकते हैं। आभा आईडी में 14 अंक दर्ज रहते हैं जो स्वस्थ्य पहचान संख्या होती है। इस आईडी में आपको मेडिकल रिपोर्ट, दवाओं की पर्ची, ब्लड ग्रुप एवं अन्य महवत्पूर्ण जानकारी दर्ज की रहती है। अभी तक 55 हजार से अधिक आभा आईडी बन गई है यह स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में पता चला है।
आभा आईडी के लाभ क्या हैं?
आभा आईडी के कई लाभ हैं जिससे आप आसानी से इलाज करवा सकते हैं।
- इस आईडी की सहायता से आपके मेडिकल रिकॉर्ड एक ही जगह डिजिटल रूप से सुरक्षित किए जाते हैं।
- डिजिटल जगह रिकॉर्ड सुरक्षित रहने की वजह से डॉक्टर आपके बिमारियों और इलाज की जानकारी आसानी से चेक कर सकते हैं।
- अब आपको हॉस्पिटल पुरानी पर्चारियां और जरुरी कागजात ले जाने की आवश्यकता नहीं है।
- आभा आईडी पूरे देश में वैलिड है इससे आप किसी भी जगह स्वास्थ्य केंद्र से अपना इलाज करवा सकते हैं।