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क्या बंद होंगे ₹500 के नोट? केंद्रीय मंत्री ने संसद में दी बड़ी जानकारी, देखें

केंद्रीय मंत्री ने संसद में ₹500 के नोट को लेकर एक अहम बयान दिया है, जिसमें इस नोट के भविष्य को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है। क्या सरकार इसे बंद करने की योजना बना रही है? अगर हाँ, तो इसका आम जनता पर क्या असर होगा? पूरी जानकारी जानने के लिए पढ़ें।

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भारत में ₹500 रुपये के नाटों की बंदी की अफवाहे के बीच केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार ₹500 के नाटों की आपूर्ति को बंद करने की कोई योजना नहीं बना रही है। इस बयान से उन सभी अटकलों का खंडन हुआ, जिनमें कहा जा रहा था कि ₹500 के नोटों की वापसी के बाद यह करेंसी बंद हो सकती है। पंकज चौधरी ने कहा कि एटीएम से ₹500 के नोट अब भी जारी होंगे और इसके साथ-साथ ₹100 और ₹200 के नोटों की भी आपूर्ति की जाएगी।

क्या बंद होंगे ₹500 के नोट? केंद्रीय मंत्री ने संसद में दी बड़ी जानकारी, देखें
क्या बंद होंगे ₹500 के नोट? केंद्रीय मंत्री ने संसद में दी बड़ी जानकारी, देखें

वित्त राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 28 अप्रैल 2025 को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें बैंकों और एटीएम ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया था कि वे अपने मशीनों से ₹100 और ₹200 के नोटों का वितरण सुनिश्चित करें। सरकार का उद्देश्य छोटे मूल्य वाले नोटों की उपलब्धता बढ़ाना है, ताकि आम जनता को इनका उपयोग आसानी से किया जा सके।

RBI का नया सर्कुलर और एटीएम ऑपरेटरों के लिए निर्देश

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी सर्कुलर में यह स्पष्ट किया गया कि एटीएम से ₹100 और ₹200 के नोटों की आपूर्ति को बढ़ावा दिया जाएगा। इस निर्णय से न केवल छोटे मूल्य के नोटों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित होगी, बल्कि यह आम जनता को दैनिक लेन-देन में भी सुविधा प्रदान करेगा। इस सर्कुलर के मुताबिक, एटीएम के ऑपरेटरों को ₹100 और ₹200 के नोटों को नियमित रूप से मशीनों में डालने का निर्देश दिया गया है।

आरबीआई ने समयसीमा भी तय की है, जिसके अनुसार 30 सितंबर 2025 तक भारत के 75% एटीएम कम से कम एक कैसट से ₹100 या ₹200 के नोट जारी करेंगे। इसके बाद, 31 मार्च 2026 तक यह संख्या बढ़कर 90% हो जाएगी, और सभी एटीएम में कम से कम एक कैसट से ₹100 या ₹200 के नोट निकाले जा सकेंगे।

₹500 नोट की आपूर्ति और एटीएम वितरण की स्थिति

पंकज चौधरी ने संसद में स्पष्ट किया कि ₹500 के नोटों की आपूर्ति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि लोग अब भी ₹500 के नोट एटीएम से निकाल सकते हैं, साथ ही ₹100 और ₹200 के नोट भी आसानी से उपलब्ध होंगे। यह निर्णय खासतौर पर उन नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो छोटे मूल्य के नोटों की आसानी से उपलब्धता चाहते हैं और जिनके लिए ₹100 और ₹200 के नोटों का अधिक उपयोग होता है।

नोटबंदी के बाद के हालात

2016 में भारत सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था, जिसके बाद ₹500 और ₹1000 के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद ₹500 के नए नोटों की छपाई की गई थी और इसे सामान्य उपयोग के लिए जारी किया गया। हालांकि, नोटबंदी के बाद से ₹500 के नोट की स्थिति पर कई सवाल उठे थे। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि सरकार जल्द ही ₹500 के नोटों की आपूर्ति को रोक सकती है। लेकिन अब वित्त राज्य मंत्री ने संसद में इसे लेकर स्पष्ट स्थिति दी है और सरकार की कोई ऐसी योजना नहीं है।

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निवेश धोखाधड़ी पर सरकार की प्रतिक्रिया

इसके अलावा, पंकज चौधरी ने निवेश संबंधी धोखाधड़ी पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अप्रैल 2020 से मार्च 2025 तक करीब 76 मामलों की सक्रिय जांच की है। पिछले वित्तीय वर्ष में SEBI ने ₹949.43 करोड़ की वसूली की, जिसे अनैतिक प्रथाओं से अर्जित अवैध लाभ को कानूनी रूप से लौटाने के रूप में परिभाषित किया गया है। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी और ठगी भारतीय कानून के अनुसार अपराध हैं और इस दिशा में कई केंद्रीय सरकारी, प्रवर्तन और नियामक एजेंसियां सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।

निवेश धोखाधड़ी रोकने के लिए सक्रिय एजेंसियां

पंकज चौधरी ने आगे बताया कि भारतीय सरकार ने निवेश धोखाधड़ी पर सख्ती से कार्रवाई करने के लिए कई एजेंसियों को जिम्मेदारी दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने पिछले पांच वर्षों में 9 मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) घोटालों को उजागर किया है। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जनवरी 2020 से जुलाई 2025 के बीच करीब 220 मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच की है।

क्रिप्टो संपत्तियां और उनके खिलाफ कदम

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि क्रिप्टो संपत्तियां भारत में अभी तक रेगुलेटेड नहीं हैं और इस क्षेत्र में कई शिकायतें आई हैं। RBI-SACHET पोर्टल पर गैर-पंजीकृत संस्थाओं से अवैध जमा लेने की गतिविधियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। सरकार ने इन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी है और इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

Author
Rohit Kumar

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