
बिहार सरकार ने 9 साल पहले जिन जातियों को SC जाति में शामिल करके सुप्रीम कोर्ट के आदेश से फिर से ओबीसी श्रेणी में शामिल किया था वह मामला फिर से विवाद बनकर लौट आया है। क्योंकि बिहार सरकार फिर से पान-तांती और तंतवा जाति को SC कास्ट में शामिल करना चाहती है जिसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दोबारा अपील की है कि वो फिर से इस फैसले पर विचार विमर्श कर सकते है।
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मामले की जानकारी
आइए पहले इस मामले की जानकारी जानते हैं। आपको बता दें 9 साल पहले बिहार राज्य सरकार द्वारा पान-तांती एवं तंतवा जाति को अनुसूचित जाति में समलित किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट को यह फैसला सही नहीं लगा और उसने पिछले जुलाई में इस फैसले को बदल दिया। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को कहा कि किसी भी जाति को SC लिस्ट में शामिल अथवा हटाने का अधिकार आपके पास नहीं है यह काम केवल संसद द्वारा ही किया जा सकता है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि फैसला स्वयं लेने से SC श्रेणी में जुड़ी जातियों को नुकसान ही पहुंचाता है। इसलिए बिहार सरकार को ये बात माननी पड़ी और तांती जाति को SC श्रेणी से बहार करके ओबीसी श्रेणी में शामिल करना पड़ा।
पुराने फैसले का क्या हुआ?
जैसा की हमने आपको ऊपर बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल बिहार सरकार को आदेश दिया कि जिन जातियों को SC कास्ट में जोड़ा गया उन्हें फिर से उनकी श्रेणी में वापस रखा जाए। इसके अलावा इन जाति के जितने लोग 9 साल तक SC कास्ट में शामिल थे उन्हें इसके लाभ भी मिले होंगे लेकिन अब उन्हें अति पिछड़ा वर्ग कोटे में शामिल किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जिन लोगों की SC वर्ग में शामिल होना चाहिए उनका सर्वे हो और खाली सीट में उन्हें रखा जाए ताकि वे भी लाभ प्राप्त कर सके।